संदेश

सितंबर, 2014 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

नव भारत

उमंग,उत्साह और स्फूर्ति,जन-जन में सृजित करें। चलो युवानों, वीर जवानों ! नव भारत निर्मित करें। हे मतवालों, हिम्मतवालों, नव भारत निर्मित करें। विवेकानंद सा तप हमीं है,गुरू नानक सा जप हमीं है। गांधी की अहिंसा भी हम हैं,प्रतिशोध की हिंसा भी हम हैं। मीरा जैसी भक्ति हम हैं,हनुमान सी शक्ति हम हैं। देवदत्त,पांचजन्य भी हम हैं,महाप्रभु चैतन्य भी हम हैं। हम पतंजलि के योग ध्यान हैं,गौतम बुद्ध का कैवल्य ज्ञान हैं। हम वीर शिवा-से बलशाली हैं,जगदम्बा,दुर्गा,महाकाली हैं। कृष्ण कन्हैया लाल हमीं हैं,दशानन का काल हमीं हैं। भगवद् गीता के ज्ञाता हम हैं,नव भारत निर्माता हम हैं। आदर्श हमीं देते आए हैं,नाव हमीं खेते आए हैं। फिर क्यों छा रही निराशा, उत्साह हीनता और हताशा। क्यों सोए हो,निराश पड़े हो, हिम्मत करो, उठ खड़े हो। पूरे करें स्वप्न तिलक के, कोई ना सोये रो बिलख के, प्रताप शिवा सा स्वाभिमानी, बनें हर इक हिन्दुस्तानी। बनें फिर से जगद्गुरू हम, गौरवमयी वर्तमान बनाएं। गंगा जमुनी तहजीब वाला, प्यारा हिन्दुस्तान बनाएं। उज्ज्वल भविष्य के निर्माण में,अपना सर्वस्व अर्पित करें। चलो युवानों, वीर जवानों!नव भारत न